Pages

12.7.14

गुड़िया ..






मुनमुन - ऋषभ  के घर में ,
गुड़िया प्यारी एक आई..
भोली सूरत , गाल गुलाबी ,
सबकी अँखियों  को भाई !!

सुंदरता की  मूरत है ,
जैसे, परियों की रानी..
दादी-बाबा ,  प्यार लुटाए ,
बलिहारी..  गाए नानी !!

ठुमक-ठुमक  कर चलती ये ,
तुतला कर , है गाती..
प्यारी-प्यारी, बातों से ,
सबको  खुश कर जाती !!

पहले-पहले  जन्मदिन पर ,
मिलें  ढेरों  उपहार...
सुन्दर- स्वस्थ , रहो तुम ,
अपनों से  मिले  प्यार !!




                                                                         ऋचा - समर्थ