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10.11.15

दिवाली..2015



 दिवाली...




आऒ मिलकर दीप जलाए,खूब मनाए दिवाली !
खुशियों का दीपक हो ,और बाती प्रेम रस वाली !!
अपनों से मेल करों ,द्वेष मिटाओ दिल का ,
दीपक में तेल नहीं ,अविश्वास जलाओ मन का !!

उत्सुकता हो हर मन में ,खुशहाली लाने की !
फुलझड़ी सी जगमगाए ,बगिया.. चाहने वालों की !!
घर-आँगन में वास करें, सबके लक्ष्मी मइय्या ,
सुख-शांति के साथ नाचों, सब ता-था थइय्या !!





                                                                                             समर्थ रस्तोगी