गुड़िया रानी
दौड़ लगाकर अति थी वो,
इठ्लाती और गाती थी वो,
ठुमक-ठुमक दिखलाती थी वो,
सबके दिलको भाँति थी वो !!
बालों को लहराती थी वो,
खुश हो स्कूल जाती थी वो,
किस्से खूब सुनाती थी वो,
मेरी गुड़ियाँ रानी थी वो !!
नन्ही प्यारी बच्ची थी,
दिल की कितनी सच्ची थी,
बाबा - दादी की दुलारी थी,
हँसी और किलकारी थी !!
गुज़रा बचपन , हुई सयानी
सेल्फी की हैं , अब दीवानी
15 वर्षों की है यही कहानी
नटखट मेरी गुड़ियाँ रानी !!
18 -12 2016