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12.7.14

गुड़िया ..






मुनमुन - ऋषभ  के घर में ,
गुड़िया प्यारी एक आई..
भोली सूरत , गाल गुलाबी ,
सबकी अँखियों  को भाई !!

सुंदरता की  मूरत है ,
जैसे, परियों की रानी..
दादी-बाबा ,  प्यार लुटाए ,
बलिहारी..  गाए नानी !!

ठुमक-ठुमक  कर चलती ये ,
तुतला कर , है गाती..
प्यारी-प्यारी, बातों से ,
सबको  खुश कर जाती !!

पहले-पहले  जन्मदिन पर ,
मिलें  ढेरों  उपहार...
सुन्दर- स्वस्थ , रहो तुम ,
अपनों से  मिले  प्यार !!




                                                                         ऋचा - समर्थ


9.5.14

..क़भी तो तुमने भी..


क़भी तो तुमने भी, दिल लगाया होगा ,
क़भी तो तुमने भी, ज़िन्‍दगी को सपनो से सजाया होगा !
क़भी तो तुमने भी, करी होंगी वादो की बरसात ,
क़भी तो तुमने भी, रखी होंगी प्रेम की बुनियाद !
क़भी तो तुमने भी, करवटे बदली होंगी रात भर,
क़भी तो तुमने भी, आंसू बहाये होंगे,ज़रा सी बात पर !
क़भी तो तुमने भी, खुदा का किया होगा शुक्रिया,
क़भी तो तुमने भी, सोचा होगा,जो दिया ..बहुत दिया !
खुद ही सब सोच कर, जी लिये..,हंस लिये..,रो लिये...
खुद ही सब सोच कर, ख्वाबों के साथ..,सो लिये...
क़भी ना सोचा जो.., वो था बस इतना,
तेरी रुसवाई मुझे, गम देगी कितना..!!