कर रहे प्रभु आपसे , विनती बारम्बार ,
अगले जन्म में , करना कुछ उद्धार।।
करना कुछ उद्धार ,की मत देना मूँछ और दाड़ी ..
भाग्यशाली है वो , जो पहने सूट और साड़ी।।
नित नए रूप में ,है सजती और सवरती,
सताने को, मर्दों को ,न जाने क्या क्या करती ,
न जाने क्या क्या करती , लगा कर रूस और लाली ,
डीप नैक का टॉप और जीन्स पॉकेट वाली।।
करती है घायल हमको , बिन छूरी -तलवार ,
शार्ट लेंथ की कुर्ती उनकी ..और ढीली सलवार।
और ढीली सलवार, की हाय।। .. मर ही जाए ,
कैसे इन बालाओं से , खुद को हम बचाए।।