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30.6.22

शादी के 50 साल

 

शादी के 50 साल

 

कैसे निकल गए, शादी के ये  50 साल

पता ही नहीं चला,कि तुम इतनी बेमिसाल !

सुख-दुःख में सदा,मेरे साथ ही रहीं ..

जो मुझको थी पसंद, तुमने बात वही कहीं

मेरे घर को तुमने,एक बगिया कि तरह सीचां..

ख्याल रखा ये शीश.., न हो कभी नीचा !

गठरी ज़िम्मेदारियों की,नहीं दी उठाने अकेले

साथ मिल कर निपटाए ,जीवन के सभी झमेले !!

 

याद है.. याद है मुझे, तुम्हारा वो बडबडाना..

घड़ी-घड़ी,  चाय कि प्याली लाना,

दालमोठ की कटोरी और नमकीन सांके

प्रिय ! याद है, वो सभी बातें,

भूला नहीं कुछ भी,बेशक हुए हो वर्ष अनेक !

तुम्हारी प्यारी झिडकियां और ताने प्रत्येक !!

 

दिल खुश करती थी, मुस्कराहट तुम्हारी..

मायके जब भी गई,

रातें..सिर्फ इंतज़ार में गुजारी ..

चाहत बेइंतेहा, थी मेरे दिल में,

कह नहीं पाए, इसलिए आज है sorry !!

 

लाज में रह गया, रोमांस मेरा अधूरा,

अभ्यास की कमी ने, बिगाड़ा गेम पूरा !

अब कौन देगा, मुझे यह मधुर ज्ञान..

मार्ग दर्शक हो निपुण, कैसे लूँ यह पहचान !!

 

भाई,बहन–बहनोई, सभी सिटीजन senior

इनसे बात नहीं बनतीं, यह था बिलकुल clear

बहु-बेटे और बेटियां,यह कर देंगी विवाद

अंतिम HOPE है मेरे ,प्यारे से दामाद !!

 

दोनों बोले मिलकर.. पापा, डरना है बेकार..

smile कर के बोलिए, मुझे तुमसे है प्यार...

फूल एक गुलाब का,रखना in hand

गुस्साए मम्मी तो कहना, Try to understand..

ज्यादा सोचने में ही, बीत गए  इतने साल,

पता ही नहीं चला,तुम इतनी बेमिसाल !

 

                                                                                 ऋचा - समर्थ

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